
Report By – Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau) |
Toll Plaza FASTag: टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स कटना अब पुरानी और गुजरे जमाने की बात होने वाली है। अब नई टैक्नॉलाजी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से टोल प्लाजा पर टोल की वसूली की जाएगी। टोल प्लाजा पर ये एक नए युग की टेक्नोलॉजी की शुरूआत हैं।
न्यू तकनीकी लागू करने की पहल शुरू हो चुकी
एडवांस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम की घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी काफी समय पहले कर चुके हैं। टोल प्लाजा (Toll Plaza FASTag) पर नई टेक्नॉलाजी लागू करने की पहल शुरू हो चुकी है। कुछ टोल प्लाजा पर टेस्टिंग जारी है। जल्द ही GNSS सिस्टम देश के सभी टोल प्लाजा पर लागू हो जाएगा। इसके लागू होते ही पुराने तरीके से टोल संग्रह प्रणाली पूरी तरह से खत्म की जाएगी।
ऐसे काम करता है GNSS
GNSS एक (Global Navigation Satellite System) पर आधारित है। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम FASTag (फास्टैग) से अलग होगा। यह सैटेलाइट-आधारित यूनिट के साथ आएगा। जो गाडियों में लगाया जाएगा। यह संबंधित अधिकारियों को टोल हाईवे का उपयोग करना शुरू करने पर कारों को ट्रैक करने की अनुमति देगा। वाहन टोल वाली सड़क से बाहर निकलता है, तो सिस्टम टोल सड़क के वास्तविक उपयोग की गणना करेगा। इसके बाद ऑटोमैटिक तरीके से एक सटीक राशि काट लेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यात्री सिर्फ टोल हाईवे पर तय की गई दूरी के लिए भुगतान करेेगा।
FASTag की तुलना में GNSS का लाभ
आगामी टोल संग्रह प्रणाली ग्राहकों को टोल सड़क के इस्तेमाल के लिए शुद्ध राशि का भुगतान करने की अनुमति देगी। उपभोक्ता हर यात्रा पर अच्छी खासी रकम बचा सकेंगे। इसी के साथ ही ये पारंपरिक टोल बूथों को खत्म कर देगा। जिससे टोल पर लगने वाली वाहनों की लंबी लाइनों से वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी। ड्राइवरों के लिए ये सुविधाजनक होगा।
इन राजमार्गों पर चल रहा परीक्षण
अभी इसको उत्तर प्रदेश में लागू होने में कुछ समय लगेगा। इसका परीक्षण दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर जारी है। जिसमें कर्नाटक में बंगलूरू-मैसूर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-275), हरियाणा में पानीपत-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-709) शामिल हैं। शीर्ष अधिकारी से हरी झंडी मिलने के बाद, नया टोल संग्रह प्रणाली को यूपी के सभी टोल प्लाजाओं पर लागू किया जाएगा।
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