Road Accident: एक ही चिता पर उठीं पांच अर्थियां, हंसते-खेलते परिवार को हादसे ने लिया छीन

Road Accident
Report By- Sachin Sharma (Correspondent)
 Edited By – Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau)

Road Accident: जयपुर में हुए भीषण सड़क हादसे ने लखनऊ के एक परिवार के पांच लोगों की खुशियों को मात में बदल दिया। सभी लोग राजस्थान के सीकर जिले के प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में दर्शन करने के लिए जा रहे थे।

कैसे हुआ हादसा?

Road Accident: परिवार खाटू श्याम मंदिर के दर्शन के लिए कार से रवाना हुआ था। रास्ते में उनकी कार सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेलर 20 फीट गहरी खाई में पलट गया और कार के परखच्चे उड़ गये। सभी यात्री कार में ही फंसे रह गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और कार को काटकर शवों को बाहर निकाला।

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मृतकों की पहचान

रायसर थाना प्रभारी निरीक्षक रघुवीर सिंह ने बताया कि मृतकों की पहचान लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र स्थित गऊघाट चौकी निवासी के रूप में हुई है। मृतकों में परिवार के मुखिया सत्यप्रकाश (65) और मां रमादेवी (63), पुत्र सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सिंह (32), उनकी पत्नी प्रियांशी (33) और छह माह की पोती शामिल है। यह परिवार राजस्थान घूमने आया हुआ था और खाटू श्याम दर्शन के लिए निकला था।

सत्यप्रकाश परिवार के साथ रहते थे। वह हजरतगंज स्थित वैक्यूम क्लीनर कंपनी में मैनेजर थे। छोटा बेटा अभिषेक नोएडा में एचसीएल कंपनी में और बहू बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा गोमतीनगर में मैनेजर थीं।

ओवरटेक के दौरान हुआ हादसा

शुरुवाती जांच में हादसे का कारण ओवरटेक बताया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कार ट्रेलर को ओवरटेक करने की कोशिश में सीधे सामने से आ रही ट्रेलर से टकरा गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

शोक में डूबा ठाकुरगंज

सोमवार सुबह करीब 4 बजे जब सभी शव लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित मुसाहिबगंज इलाके में उनके घर पहुंचे, तो पूरे मोहल्ले में कोहराम मच गया। परिवार, पड़ोसी और परिचित इस अकल्पनीय त्रासदी से स्तब्ध हैं। जो यात्रा भक्ति और आनंद से भरी होनी थी, वह मौत और मातम की गाथा बन गई। एक साथ पांच अर्थियां देख हर आंख नम हो गई। रिश्तेदारों, पड़ोसियों और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ ने नम आंखों से विदाई दी।

अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु, चाचा चंद्रप्रकाश और अन्य परिजनों ने कांपते हाथों से सभी शवों को कंधा दिया। मासूम श्री का कफन में लिपटा नन्हा शव देखकर वहां मौजूद हर शख्स भावुक हो गया। शवों को अंतिम संस्कार के लिए दो वाहनों से ले जाया गया—एक में पति-पत्नी और दूसरी में माता-पिता के शव। मासूम श्री को घर के पास ही दफना दिया गया। यह हादसा न केवल एक परिवार को उजाड़ गया, बल्कि पूरे इलाके को गमगीन कर गया।

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