
Report By –Banarsi (Lucknow Correspondent)Edited By- Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau) |
PCS Sushila Agarwal: राशन माफिया से नजदीकी के आरोप में एडीएम नागरिक एवं आपूर्ति को हटा दिया गया है। विगत 14 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय से तत्कालीन डीएम भानु चंद्र गोस्वामी से रिपोर्ट मांगी गई थी। एडीएम सुशीला अग्रवाल की आगरा में तैनाती दो साल पूर्व हुई थी। राजस्व परिषद कार्यालय लखनऊ से उन्हें संबद्ध किया गया है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आगरा की एडीएम नागरिक आपूर्ति, सुशीला अग्रवाल (PCS Sushila Agarwal) को पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उन्हें कार्यमुक्त करते हुए राजस्व परिषद से संबंध कर दिया गया है। 14 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्कालीन जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी से सुशीला अग्रवाल के विरुद्ध रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट सुशीला के पक्ष में नहीं थी।
सुमित अग्रवाल पर पहले से राशन घोटाले का आरोप
रिपोर्ट में बताया गया कि एडीएम के अर्दली गौरव शर्मा राशन माफिया के संपर्क में थे और राशन विक्रेताओं को हर महीने कार्यालय बुलाया जाता था। आगरा में सक्रिय राशन माफिया मनीष और सुमित अग्रवाल ने मिलकर एक सिंडीकेट बना रखा था, जो हर महीने अवैध रूप से 60 क्विंटल राशन पंजाब और हरियाणा में बेचता था। सुमित अग्रवाल पर पहले से राशन घोटाले के आरोप भी हैं।
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सीएम कार्यालय के निर्देश पर पुनः जांच
जब इस मामले की जांच के लिए एडीएम से रिपोर्ट मांगी गई, तो उन्होंने सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। इसके परिणामस्वरूप, डीएम ने अर्दली गौरव शर्मा को निलंबित किया। सीएम कार्यालय के निर्देश पर जब पुनः जांच की गई, तो एडीएम के अन्य कारनामों का भी खुलासा हुआ, जिसके चलते सुशीला अग्रवाल को पद से हटा दिया गया।
सुशीला के पति हाथरस में एडीएम वित्त एवं राजस्व पद पर तैनात हैं। पीसीएस अधिकारी सुशीला अग्रवाल को वर्ष 2022 में एडीएम नागरिक एवं आपूर्ति के पद पर नियुक्त किया गया था। यह मामला शासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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