Kolkata IAS wife raped: कोलकाता में IAS की पत्नी से दुष्कर्म ! HC ने पुलिस को लगाई फटकार
न्यूज़ डेस्क : WATAN KI HIFAZAT (WKHNEWS24.COM) |
Kolkata IAS wife raped: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। यहा के लेक थाना क्षेत्र में बंधकर बनाकर बंदुक की नोक पर आईएएस अफसर की पत्नी से कथित तौर पर दुष्कर्म करने के मामले में कोलकाता पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की जांच में पुलिस की भूमिका को लेकर भी जमकर फटकार लगाई है और उसकी पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने इस मामले की जांच अब डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी को सौंपी दी है। इतना है नहीं कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका भी रद्द कर दी है।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए प्रभारी अधिकारी के अलावा पांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पुलिस पर मामूली मामला दर्ज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शुरू में कम धारा के तहत एफआईआर दर्ज होने के कारण केस कमजोर हो गया था। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि जब पीड़िता ने कहा कि उसे थाने में धमकाया गया तो सीसीटीवी फुटेज की जांच क्यों नहीं की गई और घटना के तुरंत बाद शिकायतकर्ता की मेडिकल जांच क्यों नहीं कराई गई?
सात घंटे में दो बार हुआ दुष्कर्म
दरअसल पीड़ित आईएएस पत्नी (Kolkata IAS wife raped) का आरोप कि 4 जुलाई को उसके साथ सात घंटे के भीतर दो बार दुष्कर्म किया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी 14 जुलाई की रात 11.30 बजे और फिर अगले दिन सुबह 6.30 बजे उसके घर में घुसा और उसके सिर पर बंदूक रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। जबकि शिकायत करने पर भी पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उसने बताया कि वह 15 जुलाई को शाम 4.15 बजे लेक थाने पहुंची, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की और उसे काफी देर तक इंतजार करवाया। इतना ही नहीं पीड़िता ने पुलिस पर चार्जशीट से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया।
आरोप वापस लेने का बनाया दबाव
पीड़िता के आरोप के अनुसार, आरोपी की पत्नी और बेटे ने पर उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपी के घर में घुसने और बाहर निकलने की सीसीटीवी फुटेज लेने से इनकार कर दिया। पीड़िता ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने खुद सरकारी अस्पताल में अपनी मेडिकल जांच कराई है।
कोलकाता पुलिस का बयान
वहीं इस मामले में कोलकाता पुलिस की ओर से पेश हुए वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि पीड़िता ने व्हाट्सएप मैसेज के जरिए शिकायत की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया, शिकायतकर्ता ने बाद में शाम करीब 6.30 बजे लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसके आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज की। 15 जुलाई को लेक थाने में कोई महिला जांच अधिकारी मौजूद नहीं थी, इसलिए करिया थाने से एक महिला अधिकारी को बुलाया गया। वह 16 जुलाई को लेक थाने आई और पीड़िता का बयान दर्ज किया। उस समय पीड़िता ने मुख्य आरोपी पर यौन शोषण का आरोप नहीं लगाया था।
पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा, “महिला खुद सरकारी अस्पताल गई और मेडिकल जांच कराई और उसने पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें उसके शरीर के अंगों पर चोटों का जिक्र है।” पुलिस ने दावा किया कि मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार के आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला।