Independence Day 2024: पीएम मोदी ने लालकिले पर किया ध्वजारोहण, देश को कर रहे संबोधित
Report By – Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau) |
Independence Day 2024: पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज गार्ड्स द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। वायुसेना के दो एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर्स (ALH) ने कार्यक्रम स्थल पर पुष्पवर्षा की गई। बता दें कि आज देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
पीएम मोदी ने किया ध्वजारोहण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज गार्ड्स द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। वायुसेना के दो एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर्स ने कार्यक्रम स्थल पर पुष्पवर्षा की गई।
#WATCH प्रधानमंत्री मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
(वीडियो सोर्स: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी/यूट्यूब) pic.twitter.com/PYgSyrrDuS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2024
पीएम मोदी देश को कर रहें हैं संबोधित
Independence Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण के लिए सुबह ही लाल किला पहुंच गए। यहां वे 11वीं बार देश को कर रहे हैं। पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से देश को विकास का संदेश दे रहे हैं और उन्होंने 2047 तक देश को विकसित बनाने लिए अपना विजन जनता के सामने रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 140 करोड़ देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, कि “प्यारे देशवासियों इस वर्ष और पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं के कारण अनेक लोगों ने अपने परिवारों को खोया है। संपत्ति खोई है। राष्ट्र निधि का नुकसान हुआ है। मैं आज उन सबके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि देश इस संकट की घड़ी में उन सबके साथ खड़ा है।
मेरे प्यारे देशवासियों हम जरा आजादी के पहले के उन दिनों को याद करें। सैकड़ो साल की गुलामी। हर कालखंड संघर्ष का रहा है। महिला हो, युवा हो, आदिवासी हो, वे सब के सब गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व ही हमारे कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जाती रही थी।
40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था
पीएम मोदी ने कहा कि, आजादी की जंग इतनी लंबी थी। अपरंपार यातनाएं, जुल्मी शासन सामान्य मानवी का विश्वास तोड़ने की तरकीबें, फिर भी उस समय की संख्या के करीब 40 करोड़ देशवासियों ने वो जज्बा दिखाया, वो सामर्थ्य दिखाया। एक संकल्प लेकर चलते रहे, एक सपना लेकर चलते रहे। जूझते रहे। एक ही सपना था वंदे मातरम, एक ही सपना था देश की आजादी का। हमें गर्व है कि हम उन्हीं के वंशज हैं। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था।
2047 तक विकसित भारत बना सकते
उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम उन्हीं के वंशज हैं। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महान सत्ता को उखाड़ फेंका था। अगर हमारे पूर्वज जिनका खून हमारी रगों में है, आज हम 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं, आजादी लेकर के रह सकते हैं तो 140 करोड़ मेरे नागरिक, मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित कर चल सकते हैं, कदम से कदम मिलाकर, कंधे से कंधा मिलाकर, तो चुनौतियां कितना ही क्यों न हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत हो तो भी हम स्मृद्धि पा सकते हैं। हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं।