Govardhan puja: गोवर्धन पूजा पर भगवान कृष्ण को क्यों लगाते हैं अन्नकूट का भोग
Govardhan puja: दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार के चौथे दिन आज गोवर्धन पूजा होती है। इस दिन शाम के समय खास पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज की पूजा की थी। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है।
दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार के चौथे दिन आज गोवर्धन पूजा ( Govardhan puja) होती है। यह त्यौहार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। मथुरा और वृंदावन में गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। कथानुसार भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों और जानवरों को, द्वापर युग में इंद्र भगवान के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली से उठाकर उसके नीचे शरण देकर उनकी रक्षा की थी। इसी वजह से हर साल गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है। इस पर्व को कई स्थानों पर अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इस दिन की जाने वाली पूजा में भगवान कृष्ण को अन्नकूट के प्रसाद का भोग लगाया जाता है।
तिथि
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 2 नवंबर रात 8 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी। इसके साथ ही उदया तिथि पड़ने के चलते गोवर्धन पूजा का त्यौहार 2 नवंबर को मनाया जा रहा है।
शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त इस दिन दोपहर 3 बजे 23 मिनट से शाम 5 बजे 35 मिनट तक है. इस समय पूजा करना पवित्र है। मान्यता है कि इस दिन भगवान की विधिपूर्वक पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।
अन्नकूट का प्रसाद क्यों लगता है भोग ?
इस दिन जिन घरों में गोवर्धन की पूजा की जाती है, उनमें घरों के आंगन में गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पूजन किया जाता है। वही इस पूजा के लिए अन्नकूट का प्रसाद तैयार किया जाता है। यह प्रसाद काफी खास होता है क्योकि, जब बारिश की वजह से गोकुल वासियों को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने पर्वत को उठाया था तो, इस दौरान जिसके घर में जो सब्जी थी वो लेकर आए और सभी सब्जियों को मिलाकर आग पर तैयार किया गया था, तभी से इस तरह से सब्जी तैयार कर गोवर्धन पूजा का प्रसाद तैयार किया जाता है।