Ghaziabad News: सिद्ध पीठ दूधेश्वरनाथ नाथ मंदिर में बाजार की मिठाई पर रोक

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सिद्ध पीठ दूधेश्वरनाथ नाथ मंदिर में बाजार की मिठाई पर रोक
न्यूज़ डेस्क :  wkhnews24

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर और प्राचीन हनुमान मंदिर में अब बाजार की मिठाइयां प्रसाद के रूप में चढ़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा चौपला वाले बजरंगबली मंदिर में भी अब बाजार से खरीदे लड्डू नहीं चढ़ाए जाएंगे। मंदिर के महंत और पंचदशनाम जूना अखाड़े के प्रवक्ता नारायण गिरि ने एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें भक्तों से कहा गया है। 30 सितंबर और 1 अक्टूबर से लागू होगा नया नियम होने वाले इस नए नियम के तहत भक्त केवल फल, नारियल, और पंचमेवा जैसे शुद्ध सामग्री ही मंदिर में चढ़ा सकेंगे। यह कदम तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट के मामलों के बाद मंदिर प्रशासन द्वारा पवित्रता और शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

भक्तों से विशेष अपील

महंत नारायण गिरि ने भक्तों से आग्रह किया है कि गाजियाबाद (Ghaziabad News) के प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर और प्राचीन हनुमान मंदिर मेंअब कोई भी रेडी वाले या दुकानों से खरीदी गई मिठाई मंदिर में प्रसाद के रूप में स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि तिरुपति लड्डू मामले के चलते यह आशंका बनी रहती है कि बाजार की मिठाई शुद्ध नहीं हो सकती। इसलिए, भक्तों से अनुरोध किया यदि मिठाई चढ़ानी है तो उन्हें घर पर शुद्धता से तैयार लड्डू बनाकर लाने होंगे। मंदिर के महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि मिलावटी मिठाइयों के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिससे भगवान को शुद्ध और पवित्र प्रसाद ही चढ़ाया जा सके।

शुद्ध और पवित्र तरीके से घर पर बने प्रसाद को अर्पित करें

महंत नारायण गिरि ने बताया कि भक्त यदि शुद्ध और पवित्र तरीके से घर पर बने प्रसाद को अर्पित करना चाहें तो कर सकते हैं। यदि ऐसा करना संभव नहीं है, तो भक्त बाजार से फल, फूल, नारियल, या धागे वाली मिश्री लाकर दोनों मंदिरों में भोग अर्पित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि इस व्यवस्था को मंदिर में कड़ाई से लागू किया जाएगा, ताकि भगवान के भोग में कोई अशुद्धि न हो।

दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर के अलावा, हनुमान मंदिर चौपाल बाजार में भी इसी प्रकार का नियम लागू किया जा रहा है। विशेष रूप से गाड़ी पूजन के लिए आने वाले भक्त चना, धागे वाली मिश्री, गुड़, फल और नारियल का प्रसाद चढ़ा सकेंगे। इसके अलावा, मंदिर में स्थापित गौशाला से प्राप्त शुद्ध दूध से बने उत्पादों का ही भोग भगवान को चढ़ाया जाएगा।

नए नियम से दुकानदारों की बढ़ी चिंता

इस नए नियम के लागू होने से स्थानीय दुकानदारों में आर्थिक संकट की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि मिठाइयों की बिक्री पर इसका सीधा असर पड़ेगा। हालांकि, मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय भक्तों और भगवान के बीच की पवित्रता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।

मंदिर प्रशासन का यह निर्णय न केवल धार्मिक आस्थाओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लिया गया है, बल्कि यह भक्तों को शुद्धता और मिलावट के खतरों से बचाने का भी प्रयास है।

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