
Report By – Brijesh Kumar Yadav (Spec.Reporter– Azamgarh)Edited By – Maan singh (Uttar Pradesh Bureau) |
Chhath 2024: आजमगढ़ के लालगंज में महा पर्व छठ पूजा सूर्योपासना के तीसरे दिन गुरूवार की शाम में व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। भगवान सूर्यदेव को जल अर्पण करने के लिए लालगंज तहसील के समीप हनुमानगढ़ी मन्दिर घाट पर श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। हाथों में जल, सूर्य पर नजरें, भक्ति का भाव, ये नजारा गुरुवार की शाम नगर सहित जिले के सभी छठ घाटों पर था। जहां सैकड़ों छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देकर देश, समाज और परिवार की सुख शांति व समृद्धि तथा पुत्र प्राप्ति की मंगलकामना कर रहे थे। सभी व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुनः छठ गीत गाते, सर पर टोकरी लेकर वापस घर की तरफ चल दिये।
व्रतियों ने घाटों पर की पूजा-अर्चना
छठ पर्व (Chhath 2024) पर ऐसी आस्था है कि साक्षात देव सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने घर व समाज की खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं। शुक्रवार आठ नवंबर की सुबह उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देकर छठी व्रती 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का पारण करेंगे। गुरुवार को छठ व्रतियों ने हर्षोल्लास के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। इससे पूर्व सुबह स्नान ध्यान के बाद छठ व्रती महिलाएं छठ पूजा की तैयारी में जुट गईं।
छठ गीत गुनगुनाते हुए मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर गेहूं, गुड़ व खजूर से ठेकुआ एवं चावल के आटे गुड़ व नारियल की गरी से कचौनी तैयार की गई। भोग सामग्री तैयार होने के बाद पूजा सामग्री से बांस की टोकरी सजाई गई और दोपहर बाद साज श्रृंगार के साथ मुख्य आयोजन स्थल छठ घाट पहुंची। बैंड बाजे के साथ आगे परिवार के पुरुष सदस्य सिर पर पूजा की टोकरी लेकर छठ मैया का जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। तो उसके पीछे-पीछे छठ व्रती महिलाएं छठ मैया के गीत गाते हुए चल रही थी। हर छठ घाट पर आस्था का सैलाब नज़र आया।
छठ में स्वच्छता का होता है महत्व
लोक आस्था का महापर्व छठ में स्वच्छता का बहुत महत्व माना जाता है। पूजा से लेकर प्रसाद बनाने और खान पान व आचरण तक में शुद्धता और स्वच्छता का पूरा ख्याल भी रखा जाता है।
आजमगढ़ के लालगंज में निवासी हनुमानगढ़ी मन्दिर तालाब पर सूर्य देव व छठ मैया की पूजा की। नगर पंचायत निवासी सुमित यादव, विपिन यादव, राहुल, शिवदत्त आदि लोग मौजूद रहे।
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