
Report By – Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau)
Budget 2024: संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह 12 अगस्त को समाप्त हो रहा हैं। इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में केंद्रीय बजट (Budget 2024) पेश करेंगी। वहीं संसद सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को सावन माह के पहले सोमवार की सुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने कहा “आज सावन का पहला सोमवार है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र शुरू हो रहा है। मैं सावन के पहले सोमवार पर देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। आज संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। आज पूरे देश की नजर इस पर है। यह एक सकारात्मक सत्र होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा है उसमें ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में मैं देख रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से मुझे और हमारे सभी साथियों के लिए भी ये अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आए और तीसरी पारी का पहला बजट रखें।
अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है- PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट होगा। हमें पांच वर्ष का जो अवसर प्रदान हुआ है, ये बजट हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा। हर देशवासी के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। गत 3 वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
सांसदों से की ये खास अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, मैं देश के सभी सांसदों से अनुरोध करना चाहता हूं कि गत जनवरी से लेकर अब तक हमें जितना संघर्ष करना था। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन अब वो दौर खत्म हो चुका है, जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। मैं सभी दलों से कहना चाहता हूं कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें। जनवरी 2029 के चुनावी साल में आप कोई भी खेल खेल लें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।
देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं’
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। यह सदन ‘दल’ के लिए है। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी सांसद पूरी तैयारी के साथ चर्चा को समृद्ध करें, कितने ही विरुद्ध विचार होंगे। देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है बल्कि देश को प्रगति की विचारधारा से आगे बढ़ाना है। हम लोकतंत्र के इस मंदिर से भारत की सामान्य मानविकी की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
Leave a Reply