Ayodhya Gang Rape Case: पीड़ित किशोरी का कराया गया सुरक्षित गर्भपात
Report By –Banarsi (Lucknow Correspondent)Edited By- Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau) |
Ayodhya Gang Rape Case: अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सोमवार को अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था। केजीएमयू (KGMU) के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग क्वीनमेरी में भर्ती अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी का मंगलवार को क्वीन मेरी अस्पताल में डॉ. सुजाता देव के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम उसकी पूरी निगरानी कर रही है। बच्ची के पेट में 12 सप्ताह (लगभग 3 माह ) का भ्रूण पल रहा था। ऐसे में चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद मंगलवार को सुरक्षित गर्भपात करा दिया गया। हालांकि, संस्थान प्रशासन ने गर्भपात संबंधित अपना आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। पीड़िता की हालत स्थिर बनी हुई है।
अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म (Ayodhya Gang Rape Case) मामले में पीड़ित किशोरी का गर्भपात कराया गया है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने यह गर्भपात कराया। इसके साथ ही डीएनए टेस्ट के लिए भ्रूण और किशोरी का सैंपल ले लिया गया है। जानकारी के मुताबिक कानूनी प्रक्रिया के तहत सैंपल दुष्कर्म की जांच कर रहे विवेचक को सौंप दिया गया है।
क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम कर रही इलाज
अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित (Ayodhya Gang Rape Case) किशोरी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सोमवार को अयोध्या से लखनऊ रेफर किया गया था। केजीएमयू के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग क्वीनमेरी में भर्ती अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी का मंगलवार को क्वीन मेरी अस्पताल में डॉ. सुजाता देव के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम उसकी पूरी निगरानी कर रही है। बच्ची के पेट में 12 सप्ताह (लगभग 3 माह ) का भ्रूण पल रहा था। ऐसे में चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद मंगलवार को सुरक्षित गर्भपात करा दिया गया। हालांकि गर्भपात के मामले पर केजीएमयू प्रशासन की ओर से आधिकारिक तौर पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। पीड़ित परिवार के लोगों ने इसकी पुष्टि की है।
सभी जांच करने के बाद कराया गया गर्भपात
बताया जा रहा है कि चिकित्सकों की टीम ने बच्ची की सभी जांच करने और उसकी सेहत को देखते हुए गर्भपात कराया। उसकी उम्र 18 साल से कम होने और 12 सप्ताह का गर्भ होने की वजह से कानूनी तौर पर गर्भपात में अड़चन नहीं होने के कारण ये निर्णय किया गया। सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार, 24 सप्ताह तक गर्भपात किया जा सकता है। चिकित्सकों ने परिजनों से बात करके उनकी सहमति के आधार पर ये निर्णय किया। फिलहाल किशोरी की हालत सामान्य बताई जा रही है। चिकित्सकों की टीम उसकी सेहत पर नजर बनाए हुए है। हालत सामान्य होे पर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।
अस्पताल में कमरे के बाहर 24 घंटे पुलिसकर्मी मुस्तैद
इस प्रकरण के सुर्खियों में आने में बाद परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पुलिस टीम की तैनाती की गई है। किशोरी के कमरे के बाहर पुलिसकर्मी चौबीस घंटे तैनात किए गए हैं। पीड़ित के साथ उसकी मां और परिवार के सदस्य मौजूद हैं।
दोनों आरोपी जेल में, सियासत हुई तेज
अयोध्या में सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोनों आरोपी सपा नेता मोईद खान और उसकी बेकरी में काम करने वाला राजू खान दोनों गिरफ्तारी के बाद जेल में हैं। मोईद खान की अवैध बैकरी पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। पीड़ित परिवार ने मोईद खान के समर्थकों पर समझौते के लिए उन्हें धमकी देने का आरोप लगाया है। इसके बाद उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री व भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने पीड़ित परिवार को धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद ने भी परिवार को आश्वस्त किया है।
भाजपा ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
इस प्रकरण को लेकर भाजपा की ओर से समाजवादी पार्टी पर लगातार निशाना साधा जा रहा है। आरोपी मोईद खान के साथ सपा सांसद अवधेश वर्मा की तस्वीरें वायरल होने के बाद भाजपा हमलावर बनी हुई है। लखनऊ में इस प्रकरण के आरोपी के नाम की 1090 चौराहे पर होर्डिंग लगाई गई। इसे भाजपा नेता श्वेता सिंह ने लगवाया। इस होर्डिंग में लिखा गया है कि लड़के हैं गलती हो जाती है…समाजवादी पार्टी के रास्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव डीएनए टेस्ट ((DNA Test)) की बात कर क्या साबित करना चाहते हैं? लाल रंग की ये होर्डिंग काफी चर्चा का विषय है। इसमें आखिरी में लिखा गया है, मुईद है गलती हो जाती है?
अखिलेश यादव ने कानून का दिया हवाला
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री व समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीते दिनों अपने बयान में कहा कि अगर समाजवादी पार्टी ये कहती है कि डीएनए टेस्ट (DNA Test) होना चाहिए तो क्या गलत है? कैसे मुख्यमंत्री हैं, इन्हें कौन राय दे रहा है? यह इन्हीं का 2023 का संशोधित कानून है, जिसमें कहा गया है कि अगर सात साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान है तो उसमें डीएनए टेस्ट (DNA Test) होना चाहिए। ऐसे में हमने क्या गलत मांग की? अखिलेश यादव ने संशोधित कानून का पेज हाथ में दिखाते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण सभी को पता है कि सच्चाई क्या है? उन्होंने पुलिस पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।
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