
Report By:- Santosh Kumar Mishra (Bureau chief- Pratapgarh)Edited By:- Maan Singh (Uttar Pradesh Bureau) |
Pratapgarh: उपजिलाधिकारी के चैंबर में एक अधिवक्ता ने अधिवक्ताओं पर फायर कर दिया। समय रहते हाथ ऊपर कर देने से वहां मौजूद अधिवक्ताओं की जान बच गई। घटना की जानकारी होते ही पट्टी कोतवाली पुलिस तहसील में पहुंच गई। अधिवक्ताओं के आक्रोश के चलते एसडीएम (SDM) चैंबर छोड़कर बाहर निकल गए।
प्रतापगढ़ जिले के तहसील पट्टी में एक सनसनीखेज मामला घटित हुआ है। एसडीएम (SDM) ऑफिस में वकीलों के दो गुटों में फायरिंग होने से इलाके में सनसनी मच गयी है, जिससे क्षेत्रवासियों में डर का माहौल है। डर इस बात की वजह से है कि जब प्रशासन अधिकारियों के सामने गोलियां चल जा रही है, और उनकी सुरक्षा की कोई गारण्टी नहीं है, तो जनसामान्य की सुरक्षा कहा से सुनिश्चित हो सकती है।
एसडीएम के चैम्बर में हुई फायरिंग
सात मार्च को एसडीएम (SDM) के चैम्बर में किसी मुक़दमे की फाइल पेश करने के लिए दो गुटों के वकील एकत्रित हुए थे। तहसील में शुक्रवार को दिन में करीब 11:30 बजे एसडीएम पट्टी तनवीर अहमद अपने चेंबर में बैठे हुए थे। इस दौरान अधिवक्ता मनीष तिवारी बबलू, रवि सिंह, भास्कर तिवारी, सत्यम, प्रदीप पाठक आशीष तिवारी, उमेश तिवारी आदि अधिवक्ता किसी फाइल को लेकर एसडीएम पट्टी से बातचीत करने पहुँचे।
इस दौरान अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव चेंबर में आया और किसी बात को लेकर अधिवक्ताओं में कहां सुनी होने लगी। तब विकास श्रीवास्तव ने आक्रोश में आकर असला निकालकर फायरिंग कर दी। असलहा निकालते ही अधिवक्ता रवि सिंह ने विकास का हाथ ऊपर कर दिया, जिससे गोली छत पर जाकर टकरा गयी। और दुर्घटना से एसडीएम समेत मौजूद सभी अधिवक्ता क्षतिग्रस्त होने से बच गए।
सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ तहसील पहुंचे कोतवाल
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाल आलोक कुमार तुरंत भारी पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को कण्ट्रोल में किया। पुलिस ने एसडीएम के चैम्बर से कारतूस के खोखे भी बरामद किये। इस घटना के बाद से ही अन्य अधिवक्ताओ में आक्रोश का माहौल है और तहसील में जमकर नारेबाज़ी कर रहे है।
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