23 December 2024

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50 years of Emergency: सीएम योगी बोले- कांग्रेस के सिर्फ चेहरे बदले, लेकिन हरकत 1975 वाली

50 years of Emergency

सीएम योगी बोले- कांग्रेस के सिर्फ चेहरे बदले, लेकिन हरकत 1975 वाली

Report By- Uttar Pradesh Bureau

50 years of Emergency: योगी आदित्यनाथ ने इमरजेंसी के 50 साल होने के मौके पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 साल बाद कांग्रेस में चेहरे तो बदल गए होंगे, लेकिन उनका चरित्र, उनके हाव-भाव अभी भी वही हैं। जो 1975 में थे। उस समय कांग्रेस का एक बर्बर चेहरा हम सभी को देखने को मिला था। कैसे उन्होंने संविधान की मूल आत्मा कही जाने वाली प्रिएंबल (प्रस्तावना) में संशोधन करके उसकी आत्मा को नष्ट करने का प्रयास किया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आपातकाल की बरसी पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान लगाई गई इमरजेंसी के 50वें वर्ष (50 years of Emergency) में कांग्रेस में चेहरे भले ही बदल गए हों, लेकिन उसका चरित्र और हाव भाव आज भी वही है, जो 1975 में था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपाताकाल में कांग्रेस का बर्बर चेहरा देशवासियों ने देखा। कांग्रेस ने संविधान की मूल आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में संशोधन करने से लेकर नागरिकों के मौलिक अ​धिकारियों को पूरी तरह प्रतिबंधित किया और न्यायालय के अधिकारों को बंधकर बनाकर रख​ दिया। वास्तव में कांग्रेस को इमरजेंसी के 50 साल (50 years of Emergency) पूरे होने पर देश से माफी मांगी चाहिए।

संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटने की साजिश

मुख्यमंत्री ने 25 जून 1975 को रात के अंधेरे में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था। उस समय अटल बिहारी वाजपेई, मोरारजी देसाई, जय प्रकाश नारायण, लाल कृष्ण आडवाणी समेत विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में बंद करके लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि संविधान को अंगीकार करने के मात्र दो वर्ष के अंदर ही कांग्रेस ने संविधान संशोधन करके धारा 370 को उसमें जबरन डालकर देश की अखंडता को चुनौती देने की कोशिश की।

भारत के लोकतंत्र को कोसते हैं कांग्रेस के नेता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुये कहा कि ये लोग आज लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन भारत के बाहर जाकर भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा करते हैं और भारत की चुनाव प्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगाते हैं। ये लोग भारत के बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं। वहीं भारत के अंदर भी हर चुनाव की प्रक्रिया में बाधा पैदा करके ईवीएम पर अपनी अकर्मण्यता का दोष थोपने का प्रयास करते हैं। 1975 में संविधान को नष्ट करने का प्रयास करने वाली कांग्रेस आज भी उसी रास्ते पर चल रही है।

कांग्रेस के सहयोगी दलों पर साधा निशाना

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु सहित अन्य स्थानों में कांग्रेस के सहयोगी दलों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 1975 में जिन लोगों ने जेल की यातनाओं को सहा, लोकतंत्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया था, आज उनकी वर्तमान पीढ़ी उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर देश को फिर से कांग्रेस की तानाशाही, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों की ओर धकेलने का कुत्सित प्रयास कर रही है।

जनता कभी नहीं करेगी माफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि क्या ये सच नहीं कि देश की संसद में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बिल को संसद के फ्लोर पर ही फाड़ने का काम किया था। उन्होंने ऐसे अनेक कृत्य किए हैं जिसने लोकतंत्र को कमजोर किया है और आज भी लगातार कमजोर कर रहे हैं। इसके लिए देश की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। कांग्रेस और उनकी तानाशाही में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहभागी बने उन सभी राजनीतिक दलों को भी देश कभी स्वीकार नहीं करेगा।

लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय -भूपेंद्र चौधरी

आपातकाल की बरसी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अपने संदेश में कहा, “25 जून 1975 आजाद भारत का सबसे काला कालखंड है। भारतीय राजनीति और लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय है। ‘आपातकाल’ के खिलाफ उठी हर आवाज को कोटि-कोटि नमन।”

केशव प्रसाद बोले- आपातकाल भारत के लोकतंत्र पर काला धब्बा

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा पर समर्पित हैं और जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून एक अविस्मरणीय दिन है।” उन्होंने आगे कहा, “25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी यह कभी नहीं भूलेगी कि संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था।

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